डर्माकॉन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन:डर्माकॉन में 21 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने की एआई से लेकर नए इलाज तक पर चर्चा
डर्माकॉन इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन शुक्रवार को त्वचा विज्ञान के क्षेत्र में होने वाली नवीनतम प्रगति पर विस्तृत चर्चा हुई। कॉन्फ्रेंस में 21 अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें से 6 विशेषज्ञों ने आज विभिन्न सत्रों को संबोधित किया। जर्मनी से आए प्रोफेसर डॉ. क्रिस्टोस जुबुलिस ने हाइड्राडेनाइटिस सुप्पुराटिवा पर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। उन्होंने बाल विज्ञान से जुड़ी समस्याओं, रंजकता विकार, एचआईवी का त्वचा पर प्रभाव, मुंहासे और मनोवैज्ञानिक त्वचा विज्ञान जैसे विषयों पर गहन चर्चा की। डॉ. कुशल वर्मा ने कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस के नए उपचार विधियों पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. अनुपम दास ने साइको डर्मेटोलॉजिकल डिसॉर्डर पर एक पैनल चर्चा का नेतृत्व किया। डॉ. बीएम अंबाडी और डॉ. संजीव गुप्ता ने कम लागत और उच्च प्रभाव वाले नवाचारों पर विशेष जोर दिया। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. यू.एस. अग्रवाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में कुल 36 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें 150 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। विशेष रूप से विटिलिगो के इलाज में नई तकनीकों, जैसे ग्लूड नायलॉन सिवनी और बैलून वाले दस्ताने का उपयोग, पर चर्चा की गई। साथ ही, एआई का त्वचा रोगों के इलाज में बढ़ता उपयोग और पर्यावरण परिवर्तन का त्वचा पर प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी विचार-विमर्श हुआ।
source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/the-era-of-new-technologies-in-dermatology-134432854.html
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